जिलापंचायत कार्यालय का निरीक्षण - www.martandprabhat.com
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जिलापंचायत कार्यालय का निरीक्षण

बस्ती :- जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने जिला पंचायत कार्यालय का निरीक्षण किया । समीक्षा के दौरान उन्हें बताया गया कि जिला पंचायत की कुल ” alt=”” aria-hidden=”true” />307 परियोजनाये आधी अधूरी है, दो वर्षों से जीएसटी का भुगतान नही हो पॉया है।वही वित्तीय परामर्श दाता राहुल यादव ने परियोजनाओं के टेंडर व वित्तीय प्रबंधन में उनसे कोई राय नही ली जाती। जिलाधिकारी ने असन्तोष व्यक्त करतेहुएअधूरी परियोजनाओं के जिम्मेदार ठीकेदारों को ब्लैक लिस्ट किये जाने व वित्तीय  कुप्रबंधन व अक्षमता के लिए अपर मुख्य अधिकारी व अभियंता के खिलाफ शासन में कार्यवाही के लिए संदर्भित करने का निर्देश दिया।

निरीक्षण में सभी अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित पाये गये। समीक्षा में उन्होने पाया कि 307 परियोजनाए अपूर्ण है। इस स्थिति पर उन्होने असंतोष व्यक्त किया तथा समय से कार्य पूर्ण न करने वाले ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट करने का निर्देश दिया। समीक्षा में उन्होने पाया कि अपूर्ण कार्यो के लिए पूर्व में यहाॅ तैनात रहे अपर मुख्य अधिकारी संतोष सिंह तथा अभियन्ता संतोष पाण्डेय ही जिम्मेदार है। इनकी शिथिलता एंव लापरवाही के लिए शासन को कार्यवाही हेतु प्रकरण संदर्भित करने के लिए जिलाधिकारी ने निर्देश दिया।

जिला पंचायत अभियन्ता द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015-16 में एक वर्ष 2016-17 का 17 वर्ष 2017-18 के 108 तथा वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 के 181 परियोजनाए अपूर्ण है। साथ ही 07 करोड़ 97 लाख की देनदारी भी है। वित्तीय परामर्शदाता राहुल यादव ने बताया कि परियोजनाओ के टेण्डर एवं वित्तीय प्रबन्धन के संबंध में उनसे कोई परामर्श नही लिया जाता।

समीक्षा में जिलाधिकारी ने पाया कि वर्तमान में तैनात जेई आरबी सिंह तथा मनीष द्वारा कार्यो में कोई रूचि नही ली जाती है। वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 के कार्यो में जीएसटी के कारण अभी तक भुगतान नही हो पाया है। इन अभियन्ताओं द्वारा जीएसटी के अनुसार रिवाईज इस्टीमेट बनाकर प्रस्ताव नही दिया गया है। 10 लाख तक की परियोजनाओं में जीएसटी का निस्तारण जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा किया जाना है परन्तु अभी तक उनके सम्मुख भी अपर मुख्य अधिकारी द्वारा पत्रावली तैयार कर प्रस्तुत नही की गयी है। 10 लाख से ऊपर की पत्रावली निस्तारण हेतु शासन को भेजी जानी है वह भी अभी तैयार नही है।

जिलाधिकारी ने इस स्थिति पर गहरा असंतोष व्यक्त करते हुए अपर मुख्य अधिकारी को एक सप्ताह में जीएसटी प्रकरण का निस्तारण करने का निर्देश दिया है अन्यथा की स्थिति में उनके विरूद्ध आरोप पत्र जारी कर दिया जायेंगा। उन्होने मुख्य कोषाधिकारी श्रीनिवास त्रिपाठी तथा अपर एसडीएम सुखवीर सिंह को अधिष्ठान, वित्तीय स्थिति एवं टैक्स के बारे में विस्तृत जाॅच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। जिला पंचायत में टैक्स वसूली के लिए कर अधिकारी अमित यादव के अतिरिक्त 14 स्टाफ् तैनात है। कर वसूली का लक्ष्य एवं वर्षवार उपलब्धि की जानकारी वे जिलाधिकारी को नही उपलब्ध करा पायें। जिलाधिकारी ने उन्हें अपने कार्य एवं आचरण में सुधार करने का निर्देश दिया।

निरीक्षण के दौरान मुख्य कोषाधिकारी श्रीनिवास त्रिपाठी, अपर एसडीएम सुखवीर सिंह, एएमए विकास मिश्रा, वित्त परामर्शदाता राहुल यादव एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित रहें।

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