तदर्थ शिक्षकों को विनियमित करने के लिए अध्यादेश लाए प्रदेश सरकार: संजय द्विवेदी

बस्तीः- उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के मंडलीय मंत्री संजय द्विवेदी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार तदर्थ शिक्षकों को विनियमित करने के लिए विधानसभा में अध्यादेश पारित करें, नहीं तो सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के आलोक में प्रदेश के हजारों शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे और उनका घर परिवार तबाह हो जाएगा। पचास की उम्र पार कर चुके तदर्थ शिक्षकों से माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग की परीक्षा पास करने की उम्मीद करना नाइंसाफी होगी।
श्री द्विवेदी गुरुवार को संगठन की मण्डलीय बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि तदर्थ शिक्षकों के संदर्भ में माननीय सर्वोच्च न्यायलय का निर्णय अनर्थकारी है। प्रदेश सरकार को उदारता का परिचय देते हुए वर्षो से कार्यरत अहर्ताधारी तदर्थ शिक्षकों को विनियमित करने का रास्ता खोजना होगा। श्री द्विवेदी ने कहा कि भेदभाव भुलाकर सभी शिक्षक संगठनों को तदर्थ शिक्षकों की जीविका बचाने के लिए आगे आना चाहिए, और प्रदेश के मुखिया से बातकर यथोचित निर्णय लेना होगा।
उन्होंने कहा कि अहर्ताधारी तदर्थ शिक्षकों को विनियमित करने में सरकार को अलग से बजट का भी प्रावधान नही करना है, क्योंकि वे सब कोषागार से वेतन पा रहे है। पचास की उम्र पार कर चुके तदर्थ शिक्षक यदि सेवा से वंचित होते हैं तो उनके परिजनों का क्या होगा, इस पर भी सरकार को मानवीय द्रष्टिकोण से विचार करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि मण्डल के अधिकांश वित्तविहीन शिक्षकों को अप्रैल माह से वेतन नही मिला है। कोचिंग संस्थान भी बंद पड़े हैं, आखिरकार इन शिक्षकों का परिवार कैसे चले, सरकार को इस पर भी विचार करना चाहिए। वित्तविहीन की सेवा सुरक्षा व वेतन के लिए सरकार को प्रभावी निर्णय लेना होगा, अन्यथा स्थिति खराब होती जाएगी।
इस वर्चुअल मीटिंग में मार्कण्डेय सिंह, राम पूजन सिंह, आदित्य सिंह, अजय प्रताप सिंह, गिरिजानंद यादव, मोहिबुल्लाह खान, महेश राम, हरिकेश बहादुर यादव, विनोद उपाध्याय, कमर आलम, महेंद्र यादव, सुधीर कुमार, प्रमोद मिश्रा, विपिन पांडेय, गुलाब चन्द्र मौर्या, सन्त मोहन त्रिपाठी, जितेंद्र कुमार, महेश्वर सिंह, भूपेंद्र कुमार, विजेंदर कुमार सहित अन्य मौजूद रहे।

