श्रीराम ने चरित्रबल से मारा था रावण को
बस्ती :- असत्य पर सत्य के विजय पर्व विजयादशमी की पूर्व संध्या पर शनिवार को समाचार पत्र वितरक जन कल्याण सेवा समिति के अध्यक्ष जय प्रकाश गोस्वामी के संयोजन में अमहट घाट शिव मंदिर के परिसर में आध्यात्मिक काव्य संगोष्ठी एवं फलाहार का आयोजन किया गया।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ ने कहा कि श्रीराम जैसी मर्यादा को जीवन में उतारने पर ही अहंकार, अनीति का रावण मारा जायेगा। रावण एवं प्रवृत्ति है। उनका दोहा ‘ जिस दिन अपने आप को तुम लोगेे पहचान, उस दिन परमानन्द का होगा तुमको भान’ सराहा गया।
साहित्यकार, चिकित्सक, समाजसेवी डा. वी.के. वर्मा ने कहा कि देवी भगवती की कृपा से ही श्रीराम ने रावण को मारा। शक्ति और सत्य के साधना की विजयादशमी तभी सार्थक होगी जब अनीति, अधर्म का नाश हो। उनकी रचना ‘ विजयादशमी का हम वर्मा उस क्षण पर्व मनायेंगे, जिस दिन अपने भीतर के रावण को मार भगायेंगे’ ने संदेश दिया कि अधर्मी का अंत कभी सुखद नहीं होता।
अध्यक्षता करते हुये कवि पं. चन्द्रबली मिश्र ने कहा कि विजयादशमी का पर्व हमें सदैव संदेश देता है कि अन्यायी कितना ही प्रतापी क्यों न हो वह नैतिकता के साहस से मारा जाता है।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से दीन दयाल तिवारी, पं. सुनील कुमार भट्ट, गोविन्द पाण्डेय, दिलीप पाण्डेय, सर्वेश श्रीवास्तव, लवकुश सिंह, राजेन्द्र उपाध्याय, रमेश गिरी, विजय प्रकाश गोस्वामी आदि शामिल रहे।