संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़
संतकबीर नगरः – जिले के सेमरियावां विकास खण्ड के इसलामपुर गांव में संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा में रोजाना श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। मथुरा के वृन्दावन स्थित मोती झील से पधारे उद्भट विद्वान पण्डित डा. लक्ष्मीनारायण मिश्र के श्रीमुख से कथा का रसपान करने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि महराज जी जितनी सरलता से कथा कह रहे हैं निश्चित रूप से लोगों की सोच, उनके आचरण और समाज को दिशा में सक्षम है। अधिकांशतः कथा समझ में नही आती, और जब भक्तों को कथा का सार ही न समझ में आये तो सामाजिक परिवर्तन की परिकल्पना भी साकार नही हो सकती।
सोमवार (23 नवम्बर) को इसलामपुर के राज दुर्गे भवन से बाजे गाजे के साथ कलश यात्रा निकाली गयी जो आसपास के मिंदरों से होते हुये कथा स्थल पर पहुंची। इसमें महिलाओं पुरूषों ने बढ़चढकर हिस्सा लिया। प्रथम दिन महराज श्री लक्ष्मीनारायण मिश्र ने सच्चिदानंद, गॉड, कथा क्यों और कैसे आदि पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होने कहा परमपिता ही उत्पत्तिकर्ता है, वही पालन पोषण करता है और अंत में वही खुद के द्वारा उत्पन्न किय गये को नष्ट कर इस जीवन चक्र को समाप्त कर देता है। महराज जी ने कहा कथा यदि मन लगाकर जानवर भी सुन ले उसे मुक्ति मिल जायेगी।
कथा में सृजन की क्षमता है, कथा में मार्गदर्शन की क्षमता है, कथा जीवन जीने का तरीका सिखाती है। बशर्ते कथा सुनने वाला हर प्रकार के तनाव से मुक्त होकर, सांसारिक विषय वस्तुओं से ध्यान हटाकर मन एकाग्र कर कथा का रसपान करे। कथा के बीच बीच में प्रसंग से जुड़े भक्ति गीतों की प्रस्तुति भक्तों को थिरकने के लिये विवश करती रहती है। मुख्य यजमान वीरेन्द्र श्रीवास्तव, संजय श्रीवास्तव, नरेन्द्र श्रीवास्तव ने कथा को सार्थक बनाने के लिये ग्रामवासियों व अन्य सहयोगियों के प्रति हृदय से आभार जताया है। 29 नवम्बर को कथा के समापन के बाद विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया है।