सदैव याद किया जायेगा पं. दीनदयाल उपाध्याय का योगदान- दयाराम चौधरी(सदर विधायक )
बस्ती :- एकात्म मानववाद, अन्त्योदय के प्रणेता पं. दीनदयाल उपाध्याय को उनके 104 वीं जयन्ती पर याद किया गया। बस्ती सदर विकास खण्ड के गनेशपुर मण्डल ग्राम पंचायत सियारापार के बूथ नम्बर 95, 96, 72 में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सदर विधायक दयाराम चौधरी ने कहा कि पंडित जी घर गृहस्थी की तुलना में देश की सेवा को अधिक श्रेष्ठ मानते थे। दी
दीनदयाल उपाध्याय सदा देश की सेवा के लिए तत्पर रहते थे। उन्होंने कहा था कि ‘हमारी राष्ट्रीयता का आधार भारत माता है, केवल भारत ही नहीं। माता शब्द हटा दीजिए तो भारत केवल जमीन का टुकड़ा मात्र बनकर रह जाएगा। पंडित जी ने अपने जीवन के एक-एक क्षण को पूरी रचनात्मकता और विश्लेषणात्मक गहराई से जिया है। पत्रकारिता जीवन के दौरान उनके लिखे शब्द आज भी उपयोगी हैं। प्रारम्भ में समसामयिक विषयों पर वह ‘पॉलिटिकल डायरी‘ नामक स्तम्भ लिखा करते थे। पंडित जी ने राजनीतिक लेखन को भी दीर्घकालिक विषयों से जोड़कर रचना कार्य को सदा के लिए उपयोगी बनाया है। उनका योगदान सदैव याद किया जायेगा।
कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय का लेखन का केवल एक ही लक्ष्य था भारत की विश्व पटल पर लगातार पुनर्प्रतिष्ठा और विश्व विजय। उन्होंने नाटक ‘चंद्रगुप्त मौर्य’ और हिन्दी में शंकराचार्य की जीवनी लिखी. उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. के.बी. हेडगेवार की जीवनी का मराठी से हिंदी में अनुवाद किया। उनकी अन्य प्रसिद्ध साहित्यिक कृतियों में ‘सम्राट चंद्रगुप्त’, ‘जगतगुरू शंकराचार्य’, ‘अखंड भारत क्यों हैं’, ‘राष्ट्र जीवन की समस्याएं’, ‘राष्ट्र चिंतन’ और ‘राष्ट्र जीवन की दिशा’ आदि हैं।
जयन्ती अवसर पर पं. दीनदयाल उपाध्याय को नमन् करने वालों में राजकुमार शुक्ल, ग्राम प्रधान सुनील चौधरी, अजय कुमार श्रीवास्तव, ओंकार चौधरी, गणेश चौधरी, राजन पाण्डेय, अमरनाथ चौधरी, राम नरेश यादव, जर्नादन चौधरी, ओम जी पाण्डेय, सुरेश चौधरी, नजरून्निशां, जमीरून्निशां, पुष्पा कश्यप, रामरूप चौधरी, शिवशंकर, लालचंद, सुरेन्द्र चौधरी, राजनरायन आर्य, हरीराम, राजमन, नोखई आदि शामिल रहे।