9 अगस्त को कांग्रेस ने अमर शहीदों को किया नमन महात्मा गांधी का नारा ‘ करो या मरो’ का वक्त फिर आ गया है- अम्बिका सिंह
नफरत फैलाने वालों को देना होगा करारा जबाब- मो. रफीक खां
बस्ती । अगस्त क्रांति के अवसर पर 9 अगस्त को कांग्रेस कार्यालय पर पार्टी प्रवक्ता मो. रफीक खां के संयोजन में गोष्ठी आयोजित कर स्वतंत्रता संग्राम के अमर बलिदानियोें को याद किया गया। गोष्ठी के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय से रोडवेज स्थित शहीदे आजम भगत सिंह की प्रतिमा तक आजादी की गौरव यात्रा निकाली।
गोष्ठी को सम्बोधित करते हुये पूर्व विधायक अम्बिका सिंह ने कहा कि कांग्रेस के बम्बई अधिवेशन में महात्मागांधी के नेतृत्व में भारत छोड़ो आंदोलन शुरू करने का संकल्प पारित किया था। इसके अगले दिन 9 अगस्त सेे देश भर के लोग इससे जुड़ गए थे और इस आंदोलन ने जोर पकड़ लिया था।
इसी दिन महात्मा गांधी ने मशहूर ‘करो या मरो का नारा दिया था’ और उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया था। कहा कि 9 अगस्त का दिन भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन का महत्वपूर्ण दिन है। आज आजाद देश में परिस्थितियां बदल चुकी है, लोकतंत्र और संविधान खतरे में हैं ऐसे में हम सबको एक जुट होकर जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को सचेत करना होगा।
कांग्रेस के प्रदेश सचिव देवेन्द्र श्रीवास्तव, विश्वनाथ चौधरी, सुरेन्द्र मिश्र, गिरजेश पाल ने कहा कि अगस्त क्रान्ति स्वतंत्रता आन्दोलन के मील का पत्थर है। कहा कि इस आंदोलन में देशवासियों ने एकता, सक्रियता, साहस, धैर्य और सहनशीलता की शानदार मिसाल पेश की थी। यही आंदोलन था जिसके बाद अंग्रेजों ने वाकई भारत छोड़ने पर गंभीरता से विचार किया था।
कार्यक्रम संयोजक पार्टी प्रवक्ता मो. रफीक खां ने कहा कि जिस प्रकार से बम्बई अधिवेशन में महात्मा गांधी ने ‘करो या मरो’ का नारा दिया था’ आज देश फिर उसी मुहाने पर खड़ा है। हमें अपने लोकतंत्र, संविधान की रक्षा के लिये भारत जोड़ो अभियान को तेज करना होगा जिससे हिन्दू-मुसलमान के नाम नफरत पैदा करने वालों के मंसूबे पूर न हो पाये, यह सभी भारतीयों की जिम्मेदारी है।
गोष्ठी में मानिक राम मिश्र, जयंत चौधरी, साधूशरन आर्य, ज्ञान प्रकाश पाण्डेय, राकेश पाण्डेय आदि ने अगस्त क्रान्ति के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाला। कहा कि जिस प्रकार से देशवासियों की एकजुटता से आजादी मिली आज आजादी की रक्षा के लिये जागरूकता तेज करनी होगी। कांग्रेस के योगदान पर सवाल उठाने वाले स्वयं देखें कि उनका आजादी के आन्दोलन में क्या योगदान था। समय आ गया है कि देश की एकता को धार्मिक आधार पर विभाजित करने की मंशा पालने वालों को लोग करारा जबाब दें।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से शौकत अली ‘नन्हू’ अवधेश सिंह, अलीम अख्तर, गुड्डू सोनकर, अतीउल्ला सिद्दीकी, लालजीत पहलवान, अनुराग पाण्डेय, नित्यानन्द पाठक, अवनीश श्रीवास्तव, अच्छेलाल गुप्ता, कृष्ण कुमार सिंह, विवेक कुमार, सुरेन्द्र सिंह, बब्लू गुप्ता, जगदीश शर्मा, मंजू पाण्डेय, विनय तिवारी, जय प्रकाश अग्रहरि आदि शामिल रहे।