फार्मासिस्ट चिकित्सा सेवा के अभिन्न अंग-डा. आर.पी. मिश्र
विश्व फार्मासिस्ट दिवस पर संगोष्ठी में उठे जमीनी मुद्दे
फार्मासिस्ट चिकित्सा सेवा के अभिन्न अंग-डा. आर.पी. मिश्र
बस्ती । ऑल इण्डिया फार्मासिस्ट फेडरेशन द्वारा सोमवार को प्रेस क्लब सभागार में विश्व फार्मासिस्ट दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. वाहिद अली सिद्दीकी ने फार्मासिस्टों की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा करते हुये कहा कि सरकार प्रदेश के प्रशिक्षित फार्मासिस्टों को अवसर दे तो स्वास्थ्य सेवाओं को बदहाली से बचाया जा सकता है। एक तरफ तो सरकार संविदा के चिकित्सकों से जैसे-तैसे काम चला रही है वहीं लगभग दो लाख 20 हजार से अधिक फार्मासिस्ट बेरोजगार है। उन्हें तत्काल सेवाओं से जोड़कर स्थितियों को संभाला जा सकता है। फार्मासिस्टों को प्रशिक्षण देकर ग्रामीण क्षेत्रों में डाक्टर के रूप में उनकी नियुक्ति की जाय जिससे ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा को सुधारा जा सके। कहा कि 2002 के बाद से अभी तक नियुक्तियां न निकालकर सरकार फार्मासिस्टों के हितों की खुली अनदेखी कर रही है। यदि शीघ्र समस्याओं का समाधान न हुआ तो फेडरेशन प्रदेश व्यापी आन्दोलन को बाध्य होगा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. आर.पी. मिश्र ने कहा कि फार्मासिस्ट स्वास्थ्य सेवाओं के अभिन्न अंग के साथ ही डाक्टर और मरीज के बीच की मजबूत कड़ी हैं। इनकी समस्याओं का प्रभावी समाधान निकाला जाना चाहिये। औषधि निरीक्षक अरविन्द कुमार ने कहा कि फार्मासिस्ट चिकित्सा सेवा के अभिन्न अंग हैं।
गोष्ठी को डा. मनोज कुमार पाण्डेय, फेडरेशन जिलाध्यक्ष डा. पवन कुमार पाण्डेय, डा. मनोज कुमार चौधरी, श्यामनरायन चौधरी, जफर अहमद अंसारी, महेश चौधरी, राम महेश चौधरी, आदि ने सम्बोधित करते हुये फार्मासिस्टों की समस्याओं पर विस्तार से प्रकाश डालते हुये एकजुटता पर जोर दिया। डा. सुधाशु मिश्र, रामतेज गुप्ता, रीत मिश्रा चंदन आदि ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में फार्मासिस्टों के लिये स्पष्ट नीति बनाये जाने की जरूरत है। वर्षो तक प्रशिक्षण के बाद उनकी नियुक्ति न किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। कहा कि दुखियों की सेवा फार्मासिस्टों का धर्म है। फार्मासिस्टों को उनका अधिकार मिलना चाहिये। सरकारी अस्पतालों में फार्मासिस्टों की मानक के अनुरूप नियुक्ति के साथ ही संख्या के अनुरूप उसकी समीक्षा की जानी चाहिये।
इस अवसर पर वरिष्ठ कवि डॉ. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ विनोद कुमार उपाध्याय, रहमान अली रहमान, अजीत श्रीवास्तव, अजय श्रीवास्तव ‘अश्क’, सुनील तिवारी आदि ने काव्य पाठ के माध्यम से वातावरण को सरस बना दिया। फेडरेशन की ओर से अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य जय प्रकाश मौर्या, सौरभ पाण्डेय, दुर्गेश गुप्ता, राकेश चौधरी, अमर जीत चौधरी, संदीप कुमार, घनश्याम शर्मा, मंजीत यादव, विकास अग्रहरि, लवकुश यादव, संघ प्रिय गौतम, शैलेन्द्र पाण्डेय, हर्ष कालरा, नरेन्द्र कन्नौजिया, सचिन यादव, लवकुश यादव, के साथ ही अनेक फार्मासिस्ट एवं उपस्थित रहे।