36 अंग्रेजों को मौत के घाट उतारने वाली ऊदा देवी को कांग्रेसियों ने याद किया
शहीद वीरांगना ऊदा देवी को कांग्रेसजनों ने याद किया
36 अंग्रेजों को मौत के घाट उतारने वाली ऊदा देवी को कांग्रेसियों ने याद किया
बस्ती, 06 नवम्बर। कांग्रेस पार्टी कार्यालय पर 1887 के स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों के छक्के छुडाते हुये 36 अंग्रेजों को मौत के के घाट उतारने वाली शहीद वीरांगना ऊदा देवी की पुण्यतिथि पर उनको याद किया गया।
ज्ञानेन्द्र जिलाध्यक्ष पाण्डेय पाण्डेय की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में पार्टी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने ऊदा देवी के चित्र पर माल्यार्पण कर उनके अदम्य साहस पर चर्चा किया। पूर्व विधानसभा प्रत्याशी देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने कहा ऊदा देवी की वीरता देशवासियों को सदियों तक प्रेरित करती रहेगी।
ऊदा देवी की कहानी ने आज़ादी की लड़ाई में दलितों और औरतों की भूमिका को रोशन किया है. ये विशाल भारत के गणतंत्र में असली गण की पहचान कराती है। जिलाध्यक्ष ज्ञानेन्द्र पाण्डेय ने कहा ऊदा देवी सामान्य महिला नही थीं।
उन्होने 36 अंग्रेजों को मौत के घाट उतार दिया और खुद पीपल के पेड़ पर चढ़ गईं। अंग्रेजी सैनिकों ने उन्हे चारों ओर से घेर लिया। वे आज के ही दिन 16 नवम्बर 1857 को अंग्रेजों की गोली से शहीद हुईं। खून से लथपथ पेड़ से नीचे गिरीं तो ऊदा देवी की पहचान हुईं। इससे पहले लोग उन्हे पुरूष समझते थे। कार्यक्रम का संचालन प्रवक्ता मो. रफीक खां ने किया।
डीएन शास्त्री, लक्ष्मी यादव, बृजेश पाण्डेय, अवधेश सिंह, अलीम अख्तर, शौकत अली नन्हू, रविप्रताप चौधरी, प्रशान्त पाठक, मनीष चौधरी, महेश्वरी मौर्य, यशराज केके, सर्वेश शुक्ल, सुधीर यादव, उमाशंकर त्रिपाठी, अतीउल्लह, नफीस अहमद, शकुन्तता देवी, धर्मेन्द्र कुमार, रामचन्द्र राजभर आदि मौजूद रहे।