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भाकियू ने निकाला किसान अधिकार ट्रैक्टर तिरंगा यात्रा

मुख्यमंत्री को भेजा 11 सूत्रीय ज्ञापन

डीएम ने दिया समस्याओं के निस्तारण का आश्वासन

बस्ती । शुक्रवार को राष्ट्रीय नेतृत्व के आवाहन पर भारतीय किसान यूनियन पदाधिकारियोें, सदस्योें ने किसान अधिकार टैªक्टर तिरंगा यात्रा निकाली। जिलाध्यक्ष हृदयराम वर्मा के नेतृत्व में 11 सूत्रीय मांगों को लेकर तिरंगा यात्रा पटेल चौक से जिलाधिकारी कार्यालय तक पहंुची। यहां अधिकारियों से लम्बी वार्ता और नोक झोेंक के बाद जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा गया।

ज्ञापन सौंपने के बाद जिलाधिकारी से वार्ता के दौरान भाकियू के प्रदेश सचिव दिवान चन्द पटेल, पूर्वान्चल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शोभाराम ठाकुर, मण्डल अध्यक्ष मार्तेन्द्र प्रताप सिंह आदि ने किसान समस्याओं, व्याज समेत गन्ना मूल्य भुगतान, बिजली संकट, बस्ती को सूखा ग्रस्त करने आदि का मुद्दा उठाया। जिलाधिकारी श्रीमती प्रियंका निरंजन ने भाकियू पदाधिकारियों को आश्वासन दिया कि अगस्त के अंत तक गन्ना मूल्य भुगतान करा दिया जायेगा। अन्य समस्याओं का भी प्राथमिकता से निराकरण होगा।

भाकियू जिलाध्यक्ष हृदयराम वर्मा ने कहा कि किसान भूमि को बंधक करके बैंकों से ऋण ले रहे है। जिससे उनकी भूमि बैंको में बंधक हो चुकी है। परिवार का पालन-पोषण चुनौती बन गया है। ऐसे में देश की खेती किसानी कर रहे किसानों को उत्पाद का उचित मूल्य मिले, किसानों की समस्या का सरकार प्राथमिकता से निराकरण करे। मुख्यमंत्री को भेजे 11 सूत्रीय ज्ञापन में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों से सिंचाई की मुफ्त बिजली का वादा किया जिसकी घोषणा बजट पेश करते हुए भी की गयी, लेकिन अभी तक कि को सिंचाई की मुफ्त बिजली उपलब्ध नहीं करायी गयी, उसे उपलब्ध कराया जाय, निजी नलकूपों से मीटर लगवाने की प्रक्रिया को तत्काल से रोक कर निजी नलकूप का कनेक्शन लेने पर 300 मीटर तार विद्युत विभाग की ओर से किसान को मिलता था, इसे पुनः लागू किया जाए, गन्ना मूल्य 500 रूपये प्रति कुन्तल करके डिजिटल भुगतान की व्यवस्था हो, चीनी मिलों पर किसानों का बकाया भुगतान व्याज सहित कराया जाय, छुट्टा पशुओं से खेती को बचाने की व्यवस्था की जाय, एमएसपी गारंटी कानून बनाने के मामले में केंद्र सरकार पहल करें और कानून को अमली जामा पहनाया जाए। देश में अलग से एक किसान आयोग का गठन किया जाए। फसलो के उचित लाभकारी मूल्य के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू किया जाय, एनजीटी के नियमों में किसानों के लिए ढील देने का काम किया जाए। कृषि में काम आने वाले यंत्रों व साधनों को लेकर विशेष योजना के अंतर्गत समय सीमा में छूट देने का प्रावधान किया जाए और कृषि मे उपयोग होने वाले यंत्रों व वस्तुओं को जीएसटी मुक्त किया जाय, फसलों की बुवाई के समय उर्वरक केन्द्रों पर पूर्ण मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराया जाए। किसानों के नाम पर उद्योगों को दी जा रही सब्सिडी सीधे किसानों को दी जाय, भूमि अधिग्रहण की नीति को किसानों के अनुकूल बनाया जाय, लखीमपुर कांड के दोषी को कड़ी सजा दी जाए और मंत्री को बर्खास्त किया जाए। देश व प्रदेश में सूखे व बाढ़ की चपेट में आए जनपदों का मैदानी सर्वे किया जाए और किसानों की नष्ट हुई फसलों का तत्काल प्रभाव से मुआवजा दिया जाय।

किसान अधिकार टैªक्टर तिरंगा यात्रा में मुख्य रूप से परमात्मा प्रसाद चौधरी, जयराम वर्मा, राम मनोहर चौधरी, पारसनाथ्रा गुप्ता, शिवममूरत चौधरी, फूलचन्द चौधरी, राम महीपत, त्रिवेनी चौधरी, हरि प्रसाद ‘किसान’, कन्हैया प्रसाद किसान, रामभवन चौहान, विनोद कुमार चौधरी, गुप्तारे, हरिदास, राम बुझारत, शिवशंकर पाण्डेय, राम सुरेमन चौधरी, गौरीशंकर, भगवानदास, मतई, रामशंकर, रामहित, हीरालाल, सुरेश, रामू, दीपनरायन चौधरी, मो. हुसेन, अनिल वर्मा, मोहित राम, रामू यादव, केशवराम चौधरी, संग्राम चौधरी, गनीराम चौधरी, श्रीराम, राम प्रताप, श्याम नरायन सिंह, राम नयन ‘किसान’ के साथ ही बड़ी संख्या में किसान शामिल रहे।

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